िजसकी धुन पर दुिनया नाचे,
िदल एक ऐसा इकतारा है,
जो हमको भी प्यारा है और,
जो तुमको भी प्यारा है.
झूम रही है सारी दुिनया,
जबिक हमारे गीतों पर,
तब कहती हो प्यार हुआ है,
क्या अहसान तुम्हारा है.
जो धरती से अम्बर जोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है ,
जो शीशे से पत्थर तोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है ,
कतरा कतरा सागर तक तो ,
जाती है हर उमर मगर ,
बहता दिरया वापस मोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है .
पनाहों में जो आया हो,
तो उस पर वार क्या करना ?
जो दिल हारा हुआ हो,
उस पे फिर अिधकार क्या करना ?
मुहब्बत का मज़ा तो
डूबने की कशमकश में हैं,
जो हो मालूम गहराई,
तो दिरया पार क्या करना ?
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन,
मन हीरा बेमोल बिक गया िघस िघस रीता तनचंदन,
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है,
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन.
तुम्हारे पास हूँ लेिकन जो दूरी है समझता हूँ,
तुम्हारे िबन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ,
तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमिकन है नही लेिकन,
तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ
िदल एक ऐसा इकतारा है,
जो हमको भी प्यारा है और,
जो तुमको भी प्यारा है.
झूम रही है सारी दुिनया,
जबिक हमारे गीतों पर,
तब कहती हो प्यार हुआ है,
क्या अहसान तुम्हारा है.
जो धरती से अम्बर जोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है ,
जो शीशे से पत्थर तोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है ,
कतरा कतरा सागर तक तो ,
जाती है हर उमर मगर ,
बहता दिरया वापस मोड़े ,
उसका नाम मोहब्बत है .
पनाहों में जो आया हो,
तो उस पर वार क्या करना ?
जो दिल हारा हुआ हो,
उस पे फिर अिधकार क्या करना ?
मुहब्बत का मज़ा तो
डूबने की कशमकश में हैं,
जो हो मालूम गहराई,
तो दिरया पार क्या करना ?
बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन,
मन हीरा बेमोल बिक गया िघस िघस रीता तनचंदन,
इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है,
एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन.
तुम्हारे पास हूँ लेिकन जो दूरी है समझता हूँ,
तुम्हारे िबन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ,
तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमिकन है नही लेिकन,
तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ